Savarkar/सावरकर (Hindi Edition)
विक्रम सम्पत, Vikram Sampath
अपनी मृत्यु के दशकों बाद भी सावरकर भारत के राजनीतिक परिदृश्य को अद्भुत तरीके से लगातार प्रभावित कर रहे हैं। उनकी लिखी 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की गाथा में सावरकर हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के एक बड़े पैरोकार के रूप में सामने आते हैं। लेकिन सवाल यह है कि वही सावरकर आखिर अंडमान के सेल्यूलर जेल में ‘हिंदुत्व’ के प्रवक्ता कैसे बन गए? हिंदू महासभा के अध्यक्ष रहे सावरकर कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति के सख्त खिलाफ थे। उन पर गांधी हत्याकांड के षडयंत्र में भागीदार होने का आरोप भी लगा। हालाँकि अदालत ने उन्हें बरी कर दिया, लेकिन जब-जब गांधी हत्याकांड में उनकी कथित भूमिका को लेकर चर्चाएँ हुई, वे बहस के केंद्र में रहे। सवाल यह है कि क्या सावरकर वाकई गांधी हत्याकांड में एक षडयंत्रकर्ता थे? क्या गांधी हत्या के बाद एक विशेष समुदाय का नरसंहार अभियान चलाया गया? भारत और दुनिया भर में फैले अभिलेखागारों के अंग्रेज़ी और कई भारतीय भाषाओं में लिखे मूल दस्तावेज़ों के आधार पर इस आखिरी खंड में इतिहासकार विक्रम सम्पत, विनायक दामोदर सावरकर के जीवन और उनके कृत्यों पर प्रकाश डालते हैं जो बीसवीं सदी के सर्वाधिक विवादास्पद राजनीतिक चिंतक और नेताओं में से एक थे।
Κατηγορίες:
Τόμος:
2
Έτος:
2022
Εκδότης:
Penguin Random House India
Γλώσσα:
hindi
ISBN 10:
9354923674
ISBN 13:
9789354923678
Σειρές:
सावरकर
Αρχείο:
PDF, 9.35 MB
IPFS:
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hindi, 2022